लेखक रोशनलाल बडाला 
   भारतवर्ष के लिए पिछले 100 वर्ष अति महत्त्वपूर्ण रहे। इन 100 वर्षों के इतिहास पर नज़र डाले तो सबको विश्वास हो जाएगा कि वास्तव में यह कालखंड भारत देश के नवनिर्माण के लिए श्रेष्ठ रहा।इसमें देश की आज़ादी,विभाजन,विकास,आरक्षण,शिक्षा,चिकित्सा,ग़रीबी उन्मूलन,क्षेत्रीयवाद जैसे मुद्दे अपनी अमिट छाप छोड़ कर गए उसी कड़ी में धारा 370 व 35ए के हठने को भी अति महत्त्वपूर्ण बदलाव मानना पड़ेगा।

   जिन परिस्थितियों में इन धाराओं का निर्माण हुआ उस पर प्रश्नचिन्ह लगाना कई न कई नकारात्मकता उजागर करता है ।मैं इस पर सकारात्मक सोच रखूँ तो इन धाराओं को लागू करना उस समय की आवश्यकता रही होगी लेकिन पिछली कई सक्षम सरकारों के पास इन्हें ख़त्म करने के विकल्प उपलब्ध थे वे अपने संवैधानिक अधिकारों के साथ न्याय नहीं कर पायी जो अवश्य विचारणीय और सोचनीय है।

     एक नए युग का आगमन हुआ देश के वर्तमान प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्रभाई मोदी एवं गृहमंत्री श्री अमित शाह के साथ।कई राजनैतिक विशेषज्ञ सोच रहे थे कि क्यों श्री अमित शाह को संगठन से सरकार में लाया गया ? अब उन्हें इसका जवाब मिल गया होगा।तुलनात्मक दृष्टिकोण से देखा जाए तो ये सरकार पिछली कई सरकारों से सशक्त है ।
    वैसे देश की आम जनता ने प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी की पिछली सरकार का कार्य देखा है  उसी को आधार बनाकर पुनः ज़्यादा बहुमत से ज़िम्मेदारी सौंपी है।वैश्विक दृष्टिकोण से देखा जाए तो पूरा विश्व मंदी के एक दौर से गुज़र रहा है जो कि एक बड़ी आर्थिक समस्या है जिससे भारत भी अछूता नहीं है लेकिन जनता जनार्दन ने आर्थिक दृष्टिकोण एवं व्यापारिक समस्या की जगह देश की एकता, अखंडता, और सार्वभौमिकता के आधार पर मतदान किया।

   धारा 35ए या 370 के रहते हम एकता या अखंडता की परिधि में देश को लाए तो इन धाराओं के रहते अपूर्ण सार्वभौमिकता थी।जो कई मायनो में देश से जम्मू कश्मीर को अलग थलग करती थी।इन धाराओं को रखते हुए संविधान किंतु, परंतु के साथ जम्मू कश्मीर को देश का अविभाज्य अंग मानता था।वास्तविक एकता, वास्तविक अखण्डता और वास्तविक सार्वभौमिकता तो अब हुई है।इतिहास में ये साहसिक क़दम सराहनीय रहेगा और स्वर्णाक्षरों में लिखा जाएगा।
  आने वाला समय जम्मू कश्मीर को छोड़ शेष भारत की जनता के लिए कर्तव्यपरायण एवं अति ज़िम्मेदारी वाला है ।अब तक हम एक होते हुए भी एक अदृश्य दीवार के साथ अलग अलग थे।अब हमारा प्रथम कर्तव्य वहाँ की जनता में विश्वास जगाना है। हमें इस प्रकार के वातावरण का निर्माण पूरे देश में करना है कि हम सब एक है और आपका हम पूरा सम्मान करते है और आपके साथ हमारी पूरी सहानुभूति है।जिस विकास से आप अब तक वंचित रहे उस पर आपका अब प्रथम अधिकार है ।वहाँ की जनता में कुछ लोग विकास के नाम पर ज़मीन हथियाना, सिमेंटिकरण द्वारा वहाँ के प्राकृतिक सौन्दर्य ख़त्म करना , व्यापार द्वारा उनके पारम्परिक व्यवसाय को नष्ट करना या उनकी धार्मिक व पारिवारिक भावनाओं से खेलना जैसी अफ़वाए फैला कर डर का माहौल पैदा कर रहे है , जो सरासर ग़लत एवं निंदनीय है।

  आपकी जानकारी के लिए यहाँ कुछ स्पष्टीकरण अनिवार्य है।ये देश प्रति वर्ष दुनिया भर के पर्यटकों को प्रति वर्ष यहाँ की धरती पर खींच ला रहा है।पूरे भारत में जहाँ जहाँ भी प्राकृतिक सौंदर्य या रमणीय स्थल है वहाँ की सरकारों ने बहुत अच्छा विकास कार्य किया है, परंतु कई पर भी विकास के नाम पर वहाँ की सौंदर्यता या सुंदरता पर आँच नहीं आने दी ।जम्मू कश्मीर तो हमारे माथे का मोड़ है इसलिए उसका तो विशेष ध्यान रखा जाएगा।

पर्यटन से इस देश में होने वाली आय प्रतिवर्ष बढ़ती जा रही है।संविधान में धाराओं के निकलने के पश्चात पूरी दुनिया की नज़र हम पर है।भारत देश पर्यटन के क्षेत्र भी काफ़ी सैलानियों को प्रतिवर्ष आमंत्रित करने का लक्ष्य रखता है। इस देश का प्रत्येक नागरिक सोने के अंडे देने वाली मुर्ग़ी की कहानी को जानता है, समझता है ऐसे में सरकार सोने के अंडे देने वाली मुर्ग़ी का पालन पोषण राज हँस की भाँति करती है।

आज भी देश के कई जाने माने पर्यटन क्षेत्र नो डिवेलप्मेंट ज़ोन में रखने वाली सरकार कभी भी ऐसा क़दम नहीं उठाएँगीं जिसमें जम्मू कश्मीर का हित न हो।लम्बे समय बाद हमारा खोया भाई पुनः घर पर आया है स्नेह एवं प्यार पर उस का अधिकार सर्वोपरि रहेगा।

    देश भले ही 15 ऑगस्ट, 1947 को आज़ाद हो गया परंतु असली आज़ादी तो अब मिली है।माननिय सरकार का यह एक एतिहासिक एवं अहम् क़दम था पूरा देश आपके साथ खड़ा है एवं आशान्वित नज़ारों से आपको निहार रहा है।
( लेखक राष्ट्रीय मामलों के विशेषज्ञ व आर्थिक सलाहकार है)

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