मुंबई /  सब कुछ ठीक होजाएगा एक दिन…। हालात बदल जाएँगे, भारत फिर अपनी दौड़ को दौड़ेगा, मगर कोरोना यह शब्द शायद आने वाले सौ साल तक लोगों के ज़हन में रहेगा, क्यूँकि आज लड़ाई सिर्फ़ कोरोना से नहीं बल्कि भूख से भी है..! 
     सरकार अपने क़दम उठा रही है मगर वो पर्याप्त नहीं हैं, संसाधनों की कमी और वेवस्था को लेकर बहुत बड़ी लड़ाई कई संस्थाएँ एवं स्वयं सेवक लड़ रहे हैं.। 
राजस्थान में मेवाड़ के मूलनिवासी मुंबई में कार्यरत निर्माता निर्देशक सन्नी मंडावरा और उनकी टीम आज 20 दीनो से भोजन सेवा के कार्य में लगे हुवे है.। 
     जब जब जहाँ जहाँ ज़रूरत पड़ी खाना लेकर पहुँच गए अगर स्वयं नहीं पहुँच पाए तो किसी और से व्यवस्था करवादी मगर एक लक्ष्य एक नियत की कोई भूखा ना सोए, ज़िम्मेदारी बढ़ी थी 200 लोगों के एक समय के खाने से यह सिलसिला शुरू हूवा आज 1000 लोगों के आसपास दोनो समय का खाना समय पर बनाना और समय पर लोगों के पास पहुँचना बड़ी ज़िम्मेदारी होती है…। 
    मंडावरा का कहना है की हम लोग रोज़मरा की ज़िंदगी में जितना काम करते है उससे ज़्यादा काम तो इस लोकडाउन में कर रहें हैं, ना किसी का चेहरा देखना, ना किसी के साथ फोट्टो खिचवाने की तमन्ना फिर भी उन ज़रूरतमंदो की सेवा में तत्पर टीम का बहुत बहुत धन्यवाद करते हैं । 
    आगे कब तक ये सिलसिला चलता रहेगा तो उनकी टीम का कहना है की जबतक सेवा शक्ति है और हालात सुधर नहीं जाते तब तक..। 
राशन की कमी के बारे में मंडावरा  कहना है की एक दौ बार ऐसा भी हूवा की हमारे पास सुबह बनाने  के लिए कुछ नहीं और रातभर में घूम घूम कर बंदोबस्त किया..।
टीम को  इस सेवा के कार्य को करते देख उनके चेहरे पर सुकून की चमक दिखाई देती है टीम मंडावरा
REPORT : OFFICE DES

By kailash choudhary

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