मेरे देश के रखवाले कुछ खाकी वर्दी वाले
गाने ने मचाया सोशल मीडिया पर धमाल
पुलिस विभाग के कई आला अधिकारी कर रहे हैं शेयर..
मुंबई – आमतौर पर पुलिस की छवि मीडिया और फिल्मों में नकारात्मक रूप में दिखाई जाती हैl
पुलिस विभाग की अंदरूनी सच्चाई और उनकी मेहनत लगन व उनके जज्बे को लेकर हाल ही में राजस्थान के एक युवा सिंगर का गाना रिलीज हुआ है मेरे देश के रखवाले कुछ खाकी वर्दी वाले….. सोशल मीडिया की दुनिया में यह गीत धमाल मचा रहा है l
प्राप्त जानकारी के अनुसार मेवाड़ के मूगाणा चित्तौड़गढ़ निवासी श्यामसुंदर (शानू वैष्णव) ने पुलिस विभाग की कार्यशैली को बड़े ही खूबसूरती के साथ आम जनता के सामने रखा है शानू वैष्णव के इस प्रयास की सर्वत्र सराहना हो रही हैं। गीत में पुलिस के साथ-साथ बॉर्डर पर तैनात सेना के बारे में भी बताया गया है
पुलिस विभाग के आला अधिकारी कर रहे हैं शेयर…….
गणतंत्र दिवस (republic day) के 2 दिन पूर्व रिलीज हुए इस गाने को लाखों लोगों द्वारा देखा जा चुका है इसे राजस्थान के जाने-माने पुलिस अधिकारी दिनेश एनएम सहित कई वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों ने अपने फेसबुक प्रोफाइल पर शेयर करके आम जनता को इस गाने को देखने की अपील की है l
राजावत का जलवा दिखा…
गाने की शुरुआत भारत के तिरंगे के साथ होती हैं अगले ही दृश्य में एक पुलिस अधिकारी वर्दी पहनते हुए दिखाया गया है फिर जैसे-जैसे गाने की थीम चलती हैं पुलिस विभाग की दैनिक गतिविधियों के बारे में दिखाया जाता है इस पूरे गीत में सिंघम के नाम से मशहूर राजस्थान के प्रसिद्ध पुलिस अधिकारी हिमांशु सिंह राजावत की लाइफस्टाइल को बड़ी बारीकी से दिखाया गया है,
पूरे गाने में कई ऐसे दृश्य हैं जो दिल को छू लेते हैं और पुलिस विभाग को सलाम करने के लिए मजबूर कर देते हैं l
शानू के पिता है अंतर्राष्ट्रीय कलाकार…_
,नवोदित शानू वेषणव के पिता राजस्थान के जाने-माने अंतर्राष्ट्रीय कलाकार हैं जिन्हें गीत संगीत की दुनिया में जगदीश वैष्णव मुंगाणा (jagdish vaishnav) के नाम से जाना जाता है। उत्तर की सफलता पर जगदीश वैष्णव ने कहा कि शानू (shanu)को मेरा आशीर्वाद है। लेकिन अभी उन्हें और लंबी मेहनत करनी है। उन्हें मुकाम हासिल करना है उन्हें संगीत साधना में जुटे रहना चाहिए l
लेखक भी है शानू….
गायक के साथ-साथ शानू वैष्णव (shanu vaishnav) अच्छे गीतकार भी हैं वर्दी पर आधारित यह गीत सानू ने अपनी कलम से लिखा है जिसे उन्होंने खुद गाया भी हैं सानू बचपन से ही लिखने के शौकीन रहे हैं और उन्होंने अपनी डायरी में कई खूबसूरत नगमे लिख रखे हैं
पुलिस विभाग का सहयोग भूल नहीं सकता…
पहले ही कमर्शियल गीत के साथ प्रसिद्धि के पंख लगाने वाले शानु वैष्णव बताते हैं कि यह गीत पुलिस विभाग के सहयोग के बगैर संभव नहीं था lउन्होंने कहा कि मैं किसी एक अधिकारी का नाम नहीं लेना चाहता सभी मेरे लिए सम्मानित हैं जिन्होंने भी प्रत्यक्ष अप्रत्यक्ष रूप से इस प्रोजेक्ट के लिए सहयोग दिया मैं उनका दिल से आभारी हूं l
उन्होंने कहा कि मैं बचपन से ही पुलिस विभाग से बड़ा प्रभावित रहा हूं और जब इस गीत की संरचना जन्म ले रही थी तब मेरे मन में सवाल है कि आखिर यह कैसे पूरा होगा लेकिन मेरा आइडिया को विभाग के _अधिकारियों ने पसंद किया शूटिंग से लेकर प्रमोशन तक में उन्होंने बड़ी मदद की है मैं विभाग का दिल से आभारी हूं.।
वर्दी को थीम रखकर बनाया गया है…
वैष्णव का एक गीत वर्दी को केंद्रित करके बनाया गया है जिसमें दिखाया गया है कि बॉर्डर पर काम करने वाले सैनिक और देश के अंदरूनी भागों में काम करने वाली पुलिस किस जज्बे मेहनत और लगन के साथ इस देश की रक्षा में अपनी भागीदारी निभा रही हैं संभवत वर्दी पर आधारित यह पहला गीत माना जा रहा है।
रिपोर्ट : प्रकाश प्रजापती मुबंई