वरिष्ठ नागरिकों ने भरी मानवता की उड़ान 

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अपने खर्च से 100 वरिष्ठ नागरिकों को अहमदाबाद से जयपुर तक कि हवाई यात्रा व तीर्थ दर्शन करवाया -कवि युगराज जैन ने

       मूल बिजोवा जिला पाली के निवासी एंव मुम्बई प्रवासी तथा कवि लेखक, पत्रकार, कलाकार, मोटीवेटर, नाट्य कलाकार, टीवी एंव फ़िल्म आर्टिस्ट व जाने माने समाजसेवी श्री युगराज जैन ने हाल ही में सभी धर्मों के 100 वरिष्ठ नागरिकों को अपनी औऱ से अहमदाबाद से जयपुर तक की निशुल्क हवाई यात्रा कराई हैं, श्री जैन के नेतृत्व में इन यात्रियों को जयपुर तथा आस पास के तीर्थों की चार दिवसीय परिक्रमा व दर्शन आदि पूर्ण होंगे, इस कार्यक्रम के समापन पश्चात श्री जैन अपनी जन्म भूमि बिजोवा पहुंचेंगे। श्री जैन का जैन धर्म को जन धर्म बनाने का प्रयास है। ये अजैन लोगो को यात्रा करवाने का चौथा प्रयास है। श्री जैन द्वारा 18 अप्रैल को 101 सर्व धर्म सामूहिक विवाह करवाने का आयोजन रखा है। 53 जोड़ो के नाम का पंजीयन हो चूका है।
     राजस्थान के पाली जिले के ग्राम बिजोवा में जन्म लेनेवाले माता श्रीमती सायरदेवी और पिताश्री भेरूमल जी जैन के सुपुत्र युगराज जैन की ख्याति का परचम आज सात समंदर पार विदेशों में भी लहरा रहा है।
स्कूल के दिनों से शुरू हुई युगराज जैन की साहित्यिक यात्रा आज सात समंदर पार विदेशों तक जा पहुँची है। देश के हर बड़े नगरों में आयोजित कवि सम्मेलनों और अन्य सामाजिक, धार्मिक, राजनीतिक कार्यक्रमों के संचालन के लिए युगराज जैन एक आवश्यक नाम है। आप कई बार विदेशों में जाकर भी कार्यक्रम प्रस्तुत कर चुके है। अनेक प्रतिष्ठित समाचार पत्र, पत्रिकाओं में लेख-कविताएं प्रकाशित होते रहते हैं।  मुम्बई सहित देश के अनेक जानी-मानी हस्तियों के उपर लगभग चार हजार कविताओं का सृजन किया है। किसी भी कार्यक्रम में उपस्थित होने वाले अतिथियों के उपर कविता बना देने में युगराज जैन को महारत हासिल है। 
    युगराज जैन द्वारा लिखित तीन लघु नाटिकाएं – “कुवारी पुकार”, “फिसलन” तथा “कहानी परिवारों की” एवं चार बड़े नाटक – “अंधी दौड़”, “आओ हम धर्म को व्यवहार में लाएं”, जीवदया पर मार्मिक नाटक “आओ पुकार सुने पशुओं की” तथा राष्ट्रप्रेम को दर्शाने वाला एक अन्य नाटक “अहल-ए-वतन” बेहद सराहे गए। चुनिंदा गीतों की ऑडियो कैसेट “माँ”, “जागो”, “भावगुंजन”, “अहल-ए-वतन” और “पशुओं की पुकार” नामक गीतों की सीडी तथा “सुन और गुन” नामक कविताओं की सीडी भी रिलीज हो चुकी है, बेहद सराही गई। इनके लिखे नाटकों में भी गीतों की प्रधानता रहती है। “बहना, तुमसे है कुछ कहना” (मुक्तक), “अब तो सम्भल” (मुक्तक), “नश्तर” (मुक्तक कई विषयों पर), “आखिर क्या क्या लिखूँ” (काव्य संग्रह) आदि काफी लोकप्रिय हुए।
       हिन्दी फिचर फिल्म “जय माँ करवा चौथ” तथा राजस्थानी फीचर फिल्म “बालम थारी चुनड़ी” के अलावा “शनि महिमा” में भी युगराज जैन ने अभिनय किया है। एक मंजे हुए कलाकार की तरह इनके अभिनय की प्रतिभा भी बहुआयामी है। युगराज जैन ने अपने सभी नाटकों के कई किरदारों को स्वयं अदा किया है। सैनिक, सुत्रधार व बुढ़े बाप तथा किसान की भूमिका निभाकर अपने सशक्त अभिनय का लोहा मनवाया।


By kailash choudhary

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