पाली जिले के देसूरी (desuri) में एक झोपड़ी में आग लगने से चार साल के मासूम की दर्दनाक मौत हो गई, जबकि उसकी दो साल की बहन 60 प्रतिशत जलकर गंभीर रूप से घायल हो गई। घायल बच्ची को देसूरी के सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां से उसे पाली और पाली से जोधपुर रेफर किया गया।
मजदूरी कर पेट पालने आए परिवार पर टूटा दुखों का पहाड़!
Painful death of an innocent due to fire in a hut in Desuri
स्थानीय निवासियों के अनुसार, यह परिवार उदयपुर (udaipur) के सायरा गांव का रहने वाला था और मजदूरी के लिए देसूरी आया था। बताया जा रहा है कि छह महीने पहले ही एक सड़क हादसे में बच्चों के पिता की मौत हो गई थी, जिसके बाद मां भी इन्हें दादा-दादी के पास छोड़कर चली गई। हादसे के समय दादा-दादी मजदूरी करने गए हुए थे, और तभी झोपड़ी में आग लग गई। और यह हादसा हो गया
जल चुकी मासूम का इलाज बना चुनौती, दादा की बेबसी देख स्टाफ ने की मदद
Painful death of an innocent due to fire in a hut in Desuri
झुलसी हुई मासूम बच्ची को इलाज के लिए पाली के बांगड़ अस्पताल (bangad hospital pali) लाया गया था , लेकिन अस्पताल में बर्न वार्ड बंद होने के कारण उसे जोधपुर रेफर कर दिया गया। वहीं, अस्पताल में मौजूद बच्ची के दादा ने बेबसी में कहा कि आग में सबकुछ जल गया, न मोबाइल बचा, न पैसा… जोधपुर में इलाज कैसे होगा? तभी दादा की यह पीड़ा सुनकर ट्रॉमा वार्ड के नर्सिंग स्टाफ ने मानवता की मिसाल पेश करते हुए आपस में पैसे इकट्ठे कर उन्हें मदद दी। और बच्ची को इलाज के लिए जोधपुर भेजा।