लोगों को स्वादिस्ट खाना बनाके परोसनें वाला – जब पहलीबार कैमरे के सामने दिखाया अपना हुनर…

राजस्थान के पाली ज़िल्हे के सिंडरली गाँव से मायानगरी मुंबई में बसे करणसिंह चुंडावत अपने मेहमान नवाजी के लिए जाने जाते है..!  उनका  मुंबई में एक रेस्टोरैंट  है। जहा पर  लोगों  को स्वादिस्ट और उत्तम खाना परोसा जाता है। लेकिन कहते है ना हर आदमी में एक कला जरूर होती है और कोई   लाख छुपाने के बाद भी उनके अंदर छुपे कला को नहीं छुपा सकता है , वो कभी न कभी बाहर आ ही जाती है।  ऐसा ही कुछ हुआ 
करणसिंह चुण्डावत  के साथ .
 आईये जानते एक खाना बनाने वाला शख्स कैसे बना टीवी सीरियल का हिंसा।  पहलीबार कैमरे के सामने दिखाया अपना हुनर

   करणसिंह चुण्डावत  हर रोज की  तरह अपने होटल व्यावसाय में अपने जीवन की गाडी को चला ही रहे थे।  सुबह होते है वो अपने रेस्टोरेंट में चले जाते थे अलग अलग तरह के पकवान बनाते रहते थे वही  ग्राहकों का आना-जाना पुरे दिन लगातार चलता रहता था।  एक दिन  उनकी मुलाक़ात टीवी सीरियल बनाने वाले निर्देशक के साथ होगयी।  फिल्मों का नाम आते ही उनके मन के अंदर का कलाकार जाग उठा।  मन ही मन में फिल्मों में एक्टिंग करने की इच्छा प्रबल हुयी।  लेकिन उस दिन का इंतज़ार था जिस दिन  वो कैमरे के सामने अपनी कला का प्रदर्शन करे।  समय अपनी गति से चलता रहा, और करणसिंह अपने अपने होटल व्यवसाय को आगे बढ़ाते रहे।  
     अचानक एक दिन  टीवी सीरियल बनाने वाले  निर्देशक का फ़ोन आया , ” उन्होंने कहा- कहा  हो. . होटल पर. . क्या कर रहे हो. .. कुछ खास नहीं.. . चलो तैयार  हो जाओ आप को एक्टिंग करनी है , करणसिंह को लगा की किया पता किया होगा।  कैसे एक्टिंग करूँगा , क्या होगा , कही कोई  मजाक तो  नहीं कर रहा है  वगेरा वगेरा उनके दिमाग में दौड़ता रहा।  जैसे तैसे ही करके अपने आपमें आत्म विश्वास को बढ़ाया और   लोकेशन पर पहुंचे , वहा सीरियल की  यूनिट अपने काम पर लगी हुयी थी …! थोड़ी देर में कपड़े पहनायें गए… मेकअप किया गया  तब वो  अंदर ही अंदर थोड़ा सा नर्वस हुवे। . केमेरा आन हूवा और शूटिंग सुरु हुई और तीन चार रीटेक के बाद शॉट ओके हुआ…! 

      पास आकर निर्देशक महोदय बोले आप बड़े नेचुरल लग रहे हो मूँजें एक्टिंग नहीं रियल फ़िल चाहिए जो दूसरे कलाकार में नहीं यह एक आम इंसान के जीवन में होता है …! 

       तब  करणसिंह को लगा की अब अपने  दिल के अंदर घर बसेरा कर चुके एक्टिंग की कला का अगर में अब भी सही प्रदर्शन नहीं करूँगा तो यह मौका भी मेरे हाथ से चला जायेगा।  फिर उन्होंने पीछे मूड कर नहीं देखा और हिम्मत के साथ एक्टिंग की। बड़े आत्मविश्वास के साथ उन्होंने अपना काम किया – अब वो दूरदर्शन राजस्थान पर प्रचारित राजस्थानी धारावाहिक ”खेतेश्वर महिमा”  में बतौर कलाकार नज़र आरहे है..,! 



     करण सिंह का मानना है की कलाकार तो हर इंसान में छुपा होता है मगर उसे पहचान कर उसे बाहर लाना जरुरी है।  उनका मानना है की ये राजस्थान की मिट्टी का कमाल है क्युकी की जीतनी कला राजस्थान में है वैसी कला कही और नहीं मिल सकती ऐसी धन्य धरा राजस्थान की मिट्टी का होना  और राजस्थानी होने पर मुझे गर्व है –  मुझे फ़िल्मी परदे पर पहचान दिलवाने  वाले निर्देशक सन्नी मंडावरा का में आभार मानता हु की उन्होंने  मेरी कला को पहचाना।  

By kailash choudhary

Political news, social issues, live reporting, Research, writing, interviewing, live reporting digital media

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *