उनके ही शिष्या ने लगता था रेप का आरोप।
दिल्ली के फतेहपुर स्थित प्रसिद्ध शनि धाम मंदिर के संस्थापक और राजस्थान के पाली के पास अलावास में स्थित शनि आश्रम के मालिक दाती मदन महाराज फरार हो गए हैं। दाती महाराज की शिष्या रही एक युवती ने बलात्कार का मुकदमा दर्ज करवाया था । दिल्ली पुलिस फतेहपुर स्थित शनिधाम मंदिर और पाली स्थित आश्रम पर नजर लगाए हुए हैं। फिलहाल दाती महाराज का कोई पता नहीं चल रहा है।
पीड़िता का कहना है कि उसने वर्ष 2007 से 2014 तक आश्रम में शिष्या के तौर पर कार्य किया, लेकिन उसका आना जाना वर्ष 2014 के बाद भी लगा रहा। वर्ष 2016 में दाती महाराज और उनके दो साथियों ने उसके साथ बलात्कार किया।
हालांकि दाती महाराज के प्रवक्ताओं ने बलात्कार के आरोप से इनकार किया है,
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सवाल उठता है कि आखिर बाबाओं पर शिष्याएं ही रेप के आरोप क्यों लगाती हैं?
मामला आसाराम को हो या फिर डेरा सच्चा सौदा के प्रमुख राम रहीम का। देवेन्द्र दीक्षित और फलाहारी बाबा पर भी उन्हीं की शिष्याओं ने रेप के आरोप लगाए। इन सभी मामलों में ये बात भी सामने आई की पीड़ित युवतिओं के माता पिता आश्रमों में ही वेतन भोगी कर्मचारी के तौर पर काम करते थे। दाती महाराज के मामले में भी कहा जा रहा है कि अनिल जैन नाम के व्यक्ति ने युवती को गुमराह कर एफआईआर दर्ज करवाई है। मामले में पैसों के लेन देन की बात भी सामने आ रही हैं। अहम सवाल यही है कि जो बाबा निःस्वार्थ भाव से पीड़ितों को राहत देने का दावा करते हैं, क्या वे आश्रमों में मठों और शिष्याओं के बिना नहीं रह सकते? आखिर बाबाओं को शिष्याओं को रखने का इतना शोक क्यों होता है? अब तक रेप के आरोप में जो बाबा पकड़े गए उनमें दाती महाराज की छवि एक दम अलग है। हिन्दू समाज में शनि ग्रह का डर कुछ ज्यादा ही है। दाती महाराज फतेहपुर शनि मंदिर में जिस तरह भस्म आरती करते थे, उससे तो देखने वालों को डर ही लगता था। लेकिन दाती महाराज ने लोगों में यह भरोसा दिलाया कि शनि ग्रह से डरने की जरुरत नहीं है। दाती महाराज शनि से बचने के आरोप भी बताते थे। अब देखना है कि स्वयं पर लगे शनि के आरोप से दाती महाराज कैसे बचते हैं।