मुंबई / एक तरफ़ मुंबई पूरी तरह बरसात के ठंडे और भीगे भीगे मौसम में चाय पकोड़ों का लुफ़्त उठा रहा है, वही संस्था के मीडिया प्रकोष्ठ कैलाश चौधरी और प्रवक्ता सन्नी मंडावरा संस्था के कार्य निपटाने में व्यस्थ रहे क्यूँकि संस्था की हर महीने की 26 तारीख़ को संस्था की मीटिंग तय हुई है और हर मीटिंग के बाद बचा हूवा कार्य मीटिंग से पहलें होना सुनितचित जाता है ताकि संस्था के कार्य को सही टाईम पर पूरा किया जा सके…।
  कैलाश चौधरी ने बताया की एक तरफ़ सभी प्रादेशिक भाषा की  फिल्म इंडस्ट्री आसमान को छूने का सपना देख रहे  है मगर आज भी राजस्थानी भाषा की फ़िल्मे अपने अस्तित्व की लड़ाई लड़ रही है… तो हमें इस लड़ाई को और ज़्यादा जोश और सिद्दत से लड़नी होगी ताकि हम भी उस लाइन आजाए…! 
    प्रवक्ता सन्नी मंडावरा के अनुसार जिस तरह से वर्षा ऋतु में बरसात होती  और ख़ुशियाँ लाती है उसी तरह राजस्थानी फ़िल्मों का भी सुनेहरा दौर जरूर आएगा 

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