
राजस्थान की धरती पर विदेशी जोड़े ने पारंपरिक हिंदू संस्कारों से विवाह कर भारत की संस्कृति को दिया सम्मान — दूल्हा शेरवानी में, दुल्हन राजस्थानी वेशभूषा में नजर आई।
पाली। भारत की संस्कृति, परंपरा और संस्कारों की महक अब सीमाओं को पार कर विदेशों तक पहुँच चुकी है। इसका सुंदर उदाहरण हाल ही में राजस्थान के पाली जिले के ॐ जाडन आश्रम (om ashram jadan) में देखने को मिला, जहां विदेशी मेहमानों ने हिंदू रीति-रिवाजों के साथ विवाह के पवित्र बंधन में बंधकर सबका मन मोह लिया।

इस अनोखी शादी में दुल्हन ने राजस्थानी पारंपरिक परिधान पहना, जबकि दूल्हा शेरवानी में नजर आया। विवाह समारोह पूरी तरह से हिंदू संस्कारों के अनुसार संपन्न हुआ — पंडित द्वारा मंत्रोच्चारण, अग्नि के सात फेरे, वरमाला और परंपरागत संगीत ने वातावरण को आध्यात्मिक बना दिया।

उपस्थित लोगों ने बताया कि यह दृश्य देखकर हर किसी का हृदय गर्व से भर उठा। जहां आज कई भारतीय परिवार विवाह जैसे संस्कारों को विदेशों में मनाने को प्राथमिकता दे रहे हैं, वहीं इन विदेशी मेहमानों ने यह दिखा दिया कि “असली सुंदरता विदेशों की चकाचौंध में नहीं, बल्कि भारत की मिट्टी और इसकी संस्कृति में है।”

विदेशियों ने दिया भारतियों को सन्देश
यह विवाह केवल दो लोगों का मिलन नहीं था, बल्कि एक संदेश था — कि भारतीय संस्कृति की सादगी, पवित्रता और आध्यात्मिकता विश्वभर में सम्मान पा रही है।
आज जब विदेशी लोग भारत के संस्कारों को अपनाने में गर्व महसूस कर रहे हैं, तो हमें अपनी परंपराओं को और अधिक गर्व से जीना चाहिए।
भारत की संस्कृति केवल परंपरा नहीं, बल्कि एक जीवन दर्शन है — और यही इसकी सबसे बड़ी ताकत है।
