56 माह पुराने इस मामले में आसाराम को सजा सुनाने के लिए पुलिस के आग्रह पर बुधवार को जोधपुर सेंट्रल जेल में बैरक नंबर 2 के पास विशेष कोर्ट लगाई गई। एससी,एसटी कोर्ट के जज मधुसूदन शर्मा फैसला सुनाने के लिए सुबह करीब 9 बजे ही जेल पहंच गए। जेल में कोर्ट के स्टाफ,आसाराम के 14 वकीलों और 2 सरकारी वकीलों सहित कुल 30 लोगों को ही प्रवेश दिया गया। जज ने पहले तो आसाराम और दो सह आरोपियों शिल्पी एवं शरद को दोषी करार दिया और फिर दो अन्य सह आरोपितों प्रकाश एवं शिवा को सबूतों के अभाव में बरी करने का फैसला सुनाया। इसके बाद जज आसाराम, शिल्पी और शरद का फैसला लिखवाया।
इस दौरान करीब तीन घंटे तक आसाराम अस्थाई कोर्ट रूम में ही सिर पकड़कर बैठे रहे। इसके बाद 2:45 बजे जज ने आसाराम को उम्र कैद, शिल्पी एवं शरद को 20-20 साल की सजा सुनाई।
जज ने सीआरपीसी की धारा 376 (एफ ) 375 (सी ) धारा 509 / 34,धारा506,धारा 370ए,धारा120बी के तहत सजा सुनाई। इसी दौरान पीड़िता के वकील ने आसाराम सहित सभी आरोपितों से हर्जाने के रूप में एक-एक करोड़ रुपय़े दिलाने का आग्रह किया। इस पर कोर्ट ने तीनों आरोपितों को मिलकर 5 लाख रुपये पीड़िता को अदा करने के निर्देश दिए।