राजस्थानी मेवा पीलू 

RajasthanI Pilu

   राजस्थान (Rajasthan) में  रेगिस्तान की भूमि भले ही बंजर हो, लेकिन प्रकृति ने यहां पर कुछ अनमोल सौगातें रेगिस्तान के लोगों को भी प्रदान किए है।  प्रचंड गर्मी की शुरुआत होते ही रेगिस्तान में विषम हालात में भी जिंदा रहने वाले पौधे फल देना शुरू कर देते है। कैर-सांगरी जैसी सब्जियों के साथ ही छोटे आकार के रंग-बिरंगे फल पीलू (Pilu) से लकदक जाळ लोगों को बरबस ही अपनी तरफ आकर्षित करना शुरू कर देती है। 

    गर्मी से पकने, पौष्टिक होने व पानी की मात्रा अधिक होने से एकदम मीठे रस भरे इस फल  को लोग बड़े चाव से इन्हें खाते हैं। इसे राजस्थानी मेवा (Rajasthani Fruits) भी कहा जाता है।  लोगों के अनुसार गर्मी में पीलू खाने से लू नहीं लगती। गांवो में लोग पीलू (Pilu) को एकत्रित कर उन्हे धूप में सुखाते है। सालभर तक उन्हें खाते है।  


ऐसा होता है पीलू जाड़ 

Peelu Tree


– पीलू का पेड़ बेतरतीबी से फैलाव लिए होता है। इस कारण स्थानीय बोलचाल में इस जाळ (Jaal_ कहा जाता है। एक जाल के समान ही कोई इसमें उलझ सकता है। जमीन तक फैले जाळ आप बड़े आराम से चढ़ सकते है क्योकि इस में कांटे नहीं होते।   तेज गर्मी के साथ जाळ के पेड़ पर हरियाली छा जाती है और फल लगना शुरू हो जाते है। चने के आकार के रसदार फल को पीलू कहा जाता है। लाल, पीले व बैगनी रंग के इन फलों से एकदम मीठा रस निकलता है। गर्मी के महीनों में पीलू की बहार  आती  है। इसे तोड़ने के लिए महिलाएं व बच्चे सुबह जल्दी गले में एक डोरी से लोटा बांध जाळ पर जा चढ़ते है। एक-एक पीलू को तोड़ कर  घर ले आते है 


पीलू खाने का भी है अलग तरीका

– पीलू को खाने का भी एक अलग तरीका है। यदि किसी ने एक-एक कर पीलू खाए तो उसकी जीभ छिल जाएगी। वहीं एक साथ आठ-दस पीले मुंह में डाले कर खाने पर जीभ बिलकुल नहीं छिलती।
RAJASTHANI FRUITS
Rajasthani Pilu


 लू से करता है बचाव

 – रेगिस्तान के इस मेवे के बारे में प्रसिद्ध है कि यह पौष्टिकता से भरपूर होता है और इसे खाने से लू नहीं लगती। साथ ही इसमें कई प्रकार के औषधीय गुण भी होते है। औषधीय गुण के कारण महिलाएं पीलू को लोग एकत्र कर सुखा कर प्रीजर्व कर लेती है। ताकि बाद में जरुरत पड़ने पर ऑफ सीजन में भी खाया जा सके।

 

Pilu


पीलू और कैर से जुड़ी मान्यताएं

– मारवाड़ में ऐसी मान्यता है कि जिस वर्ष कैर और पीलू की जोरदार बहार आती है उस वर्ष जमाना अच्छा होता है। 

यह थी मंगल मीडिया (Mangal Media) की खास रिपोर्ट आप जभी राजस्थान में जाएँ पीलू का स्वाद जरूर चके।  धन्यवाद

पूर्ण जानकारी के लिए यह वीडियो जरूर देखें 


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