महानगर मुंबई (MUMBAI) में 151 दिन लोकडाउन (LOCK DOWN) में संघर्ष की कहानी.
जब आप पोस्ट पढ़ रहे होंगे तब मैं मुंबई से राजस्थान (RAJASTHAN) की यात्रा पर गुजरात की सीमा (GUJARAT BORDER) से गुजरता हुआ राजस्थान में प्रवेश कर रहा हूं
यह लेख मेरी प्रशंसा के लिए नहीं बल्कि महानगर में हुए 151 दिन के लॉकडाउन (LOCK DOWN) के दौरान के विभिन्न संघर्षों और वहां की जिंदगी से रूबरू होने के इतिहास से जुड़ा हुआ है l
22 मार्च को मोदी जी (MODI JI) ने टीवी पर प्रकट होकर देशभर में लोग डाउन की घोषणा की उस दिन में आम दिनों की तरह अपने ग्राहकों को दूध (MILK) बैचकर अपने घर की ओर लौट रहा था
अन्य लोगों की तरह मैंने भी इसे सामान्य समझा लेकिन सुने समय वक्त बीतता गया तब महसूस हुआ कि महामारी क्या होती है इस पूरे दौर में मैंने पूरी शिद्दत और ईमानदारी के साथ अपने ग्राहकों को उनके दैनिक जीवन में काम आने वाले दूध को पहुंचाया
सुबह दूध वितरित के बाद दिन भर विभिन्न सामाजिक संस्थाओं के साथ लोगों को अनुदान वितरण जैसे कार्यों में जुड़ कर दिल्ली स्तर पर बेहद शांति महसूस हुई कि हां कुछ कर रहा हूं
मैंने इस दौर में ऐसे लोग भी देखें जिन्होंने महामारी के दौरान लोगों को लूटने का काम किया एक की चीज 10 में बेची गई वहीं कुछ लोग ऐसे भी देखें जिन्होंने अपनी जेब के हजारों पर खर्च कर लोगों को सहायता पहुंचाई यानी की दुनिया एक सिक्के के दो पहलू है यह मुझे जीवन में रूबरू तौर पर देखने का पहला अवसर प्राप्त हुआ बीमारी (CORONA) जैसे-जैसे बढ़ती गई परिवार के लोगों को चिंता सताने लगी हर 2 दिन में मां और पिताजी फोन कर कहने लगे कि सब छोड़ छाड़ के गांव चले आओ लेकिन कैसे आ सकता था
आज 151 दिन के बाद मुंबई से राजस्थान (MUMBAI TO RAJASTHAN) आने का निश्चय किया तब तक देश में बीमारी की रफ्तार थम चुकी हैं हालांकि मुबंई अभी भी बेहाल है लेकिन मन में विश्वास है कि जल्दी लोकल शुरू होगी और सभी का जीवन पटरी पर दौड़ने लगेगा मेरे आराध्य देव भगवान भैरवनाथ के छठ का जागरण कल है और उसमें सम्मिलित होने का अवसर मुझे मिलेगा मेरा मानना है कि मेरे जीवन में अगर मैं सुरक्षित रह पाया हूं तो उसके पीछे भगवान शिव के 1 अवतार क्षेत्रपाल यानी भैरवनाथ की बड़ी कृपा है।
अब महानगर की जिंदगी को इंटरनेट (INTERNET) और टीवी पर ही देख पाऊंगा गांव में खेत खलियान और भुट्टो मैं मुंबई से लौट रहा हूं और मेवाड़ के लोग मुंबई की ओर जा रहे हैं यह भी एक मैं मुंबई से लौट रहा हूं और मेवाड़ के लोग मुंबई की ओर जा रहे हैं यह भी एक अजीब मैं मुंबई से लौट रहा हूं और मेवाड़ के लोग मुंबई की ओर जा रहे हैं यह भी एक अजीब संयोग मैं मुंबई से लौट रहा हूं और मेवाड़ के लोग मुंबई की ओर जा रहे हैं यह भी एक अजीब संयोग है l
आप सभी अपने जीवन में सतर्कता बरतें जल्द ही मिलेंगे मुंबई में उसके पहले मेवाड़ की सगन यात्रा करनी है जय मेवाड़