राजस्थान की मशहूर आदर्श क्रेडिट सोसायटी और उससे जुड़ी दो सौ से भी अधिक कंपनियों के दस्तावेज की जांच अब आयकर विभाग बारीकी से कर रहा है। विभाग के उदयपुर स्थित जांच शखा के संयुक्त निदेशक एम रघुवीर के नेतृत्व में गत 14 जून को एक साथ 6 स्थानों पर आकस्मिक जांच शुरू की गई थी। जयपुर, उदयपुर, बीकानेर, सिरोही, जोधपुर आदि शहरों में आयकर विभाग ने जो जांच की उसमें अनेक महत्वपूर्ण जानकारी मिली है। सहकारिता नियमों के तहत आम लोगों से राशि जमा करने वाली आदर्श क्रेडिट सोसायटी के मालिकों ने करोड़ों रुपए की राशि 200 से भी ज्यादा कंपनियों में निवेश कर दी। आयकर विभाग को जांच में यह पता चला कि ऐसी अधिकांश कंपनियां सोसायटी के मालिकों ने ही बनाई है। हालांकि अनेक कंपनियों के दफ्तर निर्धारित मतों पर नहीं मिल रहे हैं। विभाग अब कंपनियों के वास्तविक कारोबार के बारे में भी पता लगा रहा है। आर्थिक मंदी के दौर में सोसायटी के खातों में जमा राशि को किन नियमों के तहत कंपनियों में निवेश किया, इसका भी पता लगाया जा रहा है। कोई 100 अधिकारियों की टीम जांच के कार्य में लगी है। चूंकि करोड़ों रुपए की राशि स्थानांतरित की गई है, इसलिए जांच में समय भी लग रहा है। विभाग ने सोसायटी के मालिक मुकेश मोदी, राहुल मोदी आदि के बयान भी दर्ज किए हैं।
कोई गलत कार्य नहींः
आदर्श क्रेडिट सोसायटी के अहमदाबाद स्थित कार्यालय के अजीत नायर ने 19 जून को टेलीफोन पर बताया कि सोसायटी ने कोई गलत कार्य नहीं किया है। सभी प्रकार के निवेश नियमानुसार किया है। आयकर विभाग ने जो भी जानकारी मांगी है, उससे उपलब्ध करवाया गया है। ग्राहकों का पैसा सोसायटी में सुरक्षित है। कंपनियों में निवेश सहकारिता नियमों के तहत ही किया गया है। सभी ग्राहकों को समय पर भुगतान किया जा रहा है। जांच में आयकर विभाग को पूर्ण सहयोग किया जा रहा है। आयकर विभाग की जांच सामान्य प्रक्रिया है।
रिपोर्ट – एस.पी.मित्तल