प्रवासियों का मुद्दा अब हाईकोर्ट में
जोधपुर। कोविद 19 की महामारी के प्रकोप से बचाव के लिए केंद्र व राज्य सरकार द्वारा जारी लॉक डाउन .3 में फंसे राजस्थानी प्रवासियों का मुद्दा न्यायलय की दहलीज पर पहुँच गया हैं।
लाखों की संख्या में प्रदेश के बाहर फंसे प्रवासी राजस्थानियों की समस्याओं की ओर राजस्थान सरकार का ध्यान आकर्षित करने और अति शीघ्र समाधान के लिए सोमवार को राजस्थान हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की गई। मुम्बई निवासी प्रवासी राजस्थानी पत्रकार हरीसिंह राजपुरोहित ने 19 लाख प्रवासी राजस्थानियों की घर वापसी के लिए हाईकोर्ट से गुहार लगाई हैं। याचिका कर्ता ने जनहीत याचिका के माध्यम से माननीय न्यायालय से प्रवासियों के मामले में त्वरित सुनवाई कर राज्य सरकार को प्रवासियों की समस्याओं का गम्भीरतापूर्वक समाधान के लिए आदेश दे।
याचिका में न्यायालय के। माध्यम से निवेदन किया गया है कि राज्य सरकार के पोर्टल पर रविवार तक 19 लाख प्रवासियों ने घर वापसी के लिए आवेदन किया हैं। उन सभी को ट्रेन द्वारा 7 दिन के भीतर घर वापसी का तय की जाए। याचिका में कोर्ट के माध्यम से मांग की गई कि जो प्रवासी परमिशन लेकर रवाना हुए है उन्हें बिना किसी रुकावट के कोविंद19 के नियमानुसार सकुशल उनकी घर वापसी की जाए। इसी तरह पीआईएल के माध्यम से मांग की गई है कि जो प्रवासी अपना खुद के वाहन से घर वापसी करना चाहें उन्हें तुरंत परमिशन दी जाए उन्हें बॉर्डर पर किसी तरह की परेशानी का सामना न करना पड़े।
याचिका में प्रमुख मांग यहीं है कि प्रवासी कोसी भी तरह घर वापसी चाहता है सरकार उसका सहयोग करें। याचिका के माध्यम से न्यायालय से इस सवेदनशील मुद्दे पर आग्रह किया गया है कि जो प्रवासी घर वापसी न करना चाहें उनके खाने पीने की उचित व्यवस्था के लिए सम्बंधित प्रदेश की सरकारों संवाद साध कर व्यवस्था की जाए। क्योंकि उन्हें प्रवासी होने के कारण अन्य प्रदेशों में खाध सुरक्षा नियमों के अनुसार लाभ नहीं मिलता। राजस्थान सरकार कम से हर प्रवासी के लिए यह कदम उठाए कि कोई भी प्रवासी लॉक डाउन में भूख से न मरे। पीआईएल कर्ता हरीसिंह राजपुरोहित की ओर से मंगलवार को एडवोकेट मोतीसिंह बिठू पैरवी कर प्रवासियों की घर वापसी की मांग करेंगे।