कर्मयोगी समाजसेवी जो खुद परिश्रम करके युवाओं को दे रहा परिश्रम करने का  संदेश 

 खारड़ा- कहते हैं कि हर इंसान को हालतों और परिस्थितियों के अनुरूप ढलना और  आत्मनिर्भर बनाना चाहिए , ऐसा ही युवाओं को परिश्रम का संदेश देने वाले मिडिया-प्रभारी गांव खारडा के समाजसेवी मुकेश हिरावत अन्य लोगों के लिए प्रेरणा स्रोत बन गए हैं। वह खुद मनरेगा में परिश्रम करके एक प्रेरणा का सन्देश युवाओं को दे रहे हैं।
   युवाओं के लिए प्रेरणा स्रोत बने मुकेश हिरावत मानना है की जीवन में कार्य सदैव करते रहना चाहिए आज के दौर में युवा स्कुल, कालेज के डिग्री डिप्लोमा या बड़ी बड़ी उपलब्धियां हासिल करने पर वह परिश्रम से मुंह मोड़ने लगते है। एवं मेहनत में शर्म या संकोच करता है। अतः वह खुद परिश्रम करके यह सन्देश देना चाहते हैं कि युवा कभी भी परिश्रम से मुंह न मोड़ें और जीवन की परिस्थितियों के अनुरूप चले ।
  युवाओं को परिश्रम करके प्रेरित करने वाले कर्मयोगी युवा लेखक मुकेश हिरावत एक साधारण परिवार  में जन्म लेकर मुंबई भर में मंच संचालक की पहचान बनाई।वह कहते हैं कि जीवन में कोई काम छोटा या बड़ा नही होता।


युवाओं के लिए बने प्ररेणा….

  मिडिया -प्रभारी मुकेश हिरावत जैसे शख्यियत को मेहनत करता देख कोरोना लाक डाउन में बिल्कुल खाली बैठे युवा भी परिश्रम मेहनत करने के लिए प्रेरित हो रहै है।

 एक कर्मयोगी समाज सेवी -उद्धघोषक-कलमकार के कामयाबी की कहानी….
 अब तक उन्होंने समाज सेवा में एवं गांव में पशुओं के चारे पानी साफ सफाई अभियान एवं पक्षियों के लिए परिंडे लगाने के लिए युवाओं को जागरूक कर हमेशा-हमेशा सेवा में हाथ बंटाया है।आपकी कलम और मंच संचालन से राष्ट्रीय स्तर राज्य भर एवं मुंबई शहर में अपनी पहचान दी।सहज सरल स्वभाव के धनी मधूर और ईमानदार कृतित्व कहता है कि हर मोड़ पर आगे बढ़ते रहो।एक सर्वसाधारण सरगरा  परिवार में जन्म लेकर हिरावत ने कलम से कुल्हाड़ी तक का सफर तय करते हुए। हालातों के अनुरूप ढलने और चलने का संदेश दिया।
    युवाओं के प्रेरणा स्त्रोत….
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    चिराग जहां जायेगा, रोशनी लुटाएगा….।।
किसी चिराग का अपना मकान नहीं होता ।।

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